प्रस्तावकर्ता : डॉ संदीप पाण्डेय
वैचारिक मुद्दे
- वर्तमान राजनीति से असंतुष्ट होते हुए भी लोग उन्हीं राजनेताओं और दलों को चुन लेते हैं जो हमारी समस्याओं के लिए जिम्मेदार हैं। ऐसा क्यों है?
- ईमानदार और जनता के मुद्दों पर काम करने वालों को प्रभावशाली विकल्प मानने को जनता तैयार नहीं। क्यों?
- मुख्यधारा की राजनीति का पोषण काले धन से हो रहा है। बल्कि भ्रष्टाचार राजनीति का आधार बन गया है। इसी से जुड़ा मुद्दा है राजनीति के अपराधीकरण का। सीमित संसाधनों में राजनीति कैसे हो और वह अपराध से कैसे मुक्त हो?
रणनीति के मुद्दे
- क्या प्रत्येक चुनाव क्षेत्र से सबसे ईमानदार व जनता के मुद्दों पर काम करने के लम्बे अनुभव वाले व्यक्तियों को पूर्व घोषित खुली बैठकों में आम राय से लोक उम्मीदवार बनाया जा सकता है?
- प्रगतिशील व धर्मनिर्पेक्ष दल या व्यक्तियों के बीच बेहतर तालमेल कैसे बने? प्रत्येक क्षेत्र से साफ-सुथरा एक विकल्प खड़ा करने का प्रयास हो।