नई दिल्ली | 08 जून, 2017: विश्व पर्यावरण दिवस के दिन 05 जून, 2017 से शुरू हुई नर्मदा बचाओ आन्दोलन द्वारा आयोजित तीन दिवसीय रैली फॉर द वैली, कल देर रात 07 जून, 2017 को नानपुर पुलिस स्टेशन, अलीराजपुर में समाप्त हुई। यह रैली नर्मदा घाटी में चल रहे सरकार द्वारा गैर कानूनी डूब और जबरन बेदखली के साज़िश की पोल खोल करने और सम्पूर्ण और न्यायपूर्ण पुनर्वास की मांग के साथ हुई। देश भर से सैंकड़ों समर्थक, टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान, जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय, आईआईटी, हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय, जामिया मिलिया इस्लामिया, शिवाजी विद्यापीठ, अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय व अन्य के छात्र, हजारों नर्मदा घाटी के लोगों के साथ शामिल हुए। इनमें सलसाबील ग्रीन स्कूल के कई बच्चे भी नर्मदा बचाओ आन्दोलन के समर्थन में व जीवनशाला की पढाई व उनके बच्चों के जीवन के बारे में जानने के लिए शामिल हुए।
रैली में नर्मदा बचाओ आन्दोलन की नेत्री मेधा पाटकर के अलावा कई अन्य सामजिक कार्यकर्ता जैसे Goldman Environmental Prize 2017 से सम्मानित प्रफुल्ला सामंतरा, अखिल भारतीय किसान सभा से जसविंदर सिंह कौर, गुजरात लोक समिति से गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता नीता महादेव, जन संघर्ष वाहिनी से भूपेंद्र सिंह रावत, जन आंदोलनों के राष्ट्रीय समन्वय से डॉ सुनीलम, राजेन्द्र रवि, नान्हू प्रसाद, सुनीति एसआर, मधुरेश कुमार, किसान संघर्ष समिति से आराधना भार्गव भी शामिल हुए। रैली खलघाट से शुरू होकर धरमपुरी, सेमलदा, छोटा बरदा, पिपरी, निसरपुर व कोटेश्वर गयी।
07 जून, 2017 को रैली मध्य प्रदेश से निकलकर गुजरात बॉर्डर पार करते हुए महाराष्ट्र के चिमलखेड़ी गाँव के जीवनशाला जाना था जहाँ सभी साथी वहाँ के बच्चों से मिलकर एक आम सभा में जाने वाले थे। लेकिन ऐसा ना होते हुए, रैली के सभी साथियों को गुजरात सीमा पर रेल्घा चेकपोस्ट पर पुलिस द्वारा गैर कानूनी रूप से रोका गया और सीमा पार नहीं करने दिया। विरोध किये जाने और लिखित आदेश मांगने पर बिना कोई आदेश दिखाए रैली में शामिल मेधा पाटकर के साथ सभी समर्थकों व नर्मदा निवासियों को पुलिस वालों ने गिरफ्तार किया और उस क्रम में बच्चों, युवा, व महिलाओं के साथ बदसलूकी और मारपीट की।
पूरे घटनाक्रम में सलसाबील ग्रीन स्कूल, केरल से आये दो बच्चे को पुलिस ने बर्बरता से मारा, जिसमें कामिल जो 9वी कक्षा में पढता हैं, का कंधे फ्रैक्चर हो गया और हासिम को गंभीर चोटें आई। इसके बाद पुलिस ना रुकते हुए साथी रोहित व अस्वथी के ऊपर गाड़ी चढाने के कोशिश की जिसमें रोहित का पैर फ्रैक्चर हो गया और अस्वथी के पैरों पर चक्कों के छाप निकल आये।
गुजरात पुलिस इसके बाद आन्दोलन के नेत्री मेधा पाटकर को बाकी साथियों से अलग करने के कोशिश की और अन्य साथियों को बीच में ही छोड़ने की कोशिश की। देर शाम सभी आन्दोलनकारियों को मध्य प्रदेश में अलीराजपुर जिला के नानपुर पुलिस स्टेशन लाकर छोड़ दिया। वहाँ नर्मदा बचाओ आन्दोलन ने पुलिस में गुजरात पुलिस के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई जिसे आखिरकार FIR के रूप में दर्ज नहीं किया गया। सभी घायल साथियों का एमएलसी करवाया गया जिसके लिए अस्पताल में घंटों इन्तेजार के बाद शराब पीकर डॉक्टर आये और रोहित को बिना किसी बात थप्पड़ जड़ दिया व अन्य घायलों के साथ बदतमीजी की।
नर्मदा बचाओ आन्दोलन गुजरात पुलिस, मध्य प्रदेश पुलिस व डॉक्टर द्वारा अलग अलग समय किये सभी असंवैधानिक और हिंसक करतूतों की भर्तसना करता है। कल मंदसौर में हुए किसानों की हत्या के बाद न्यायपालिका व संविधान के लिए दूसरा काला दिन रहा। सरकार हिंसक रूप अख्तियार कर जन आंदोलनों व लोगों की आवाज़ को दबाना चाहती है। नर्मदा बचाओ आन्दोलन, जन आंदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय व नर्मदा घाटी के लोग इसका डट कर सामना करेंगे और अहिंसक रूप से हमेशा ऐसे भयानक अलोकतांत्रिक सरकारों को चुनौती देते रहेंगे। मध्य प्रदेश सरकार अगले महीने में बल पूर्वक नर्मदा घाटी खाली कराने के लिए 40000 से ज्यादा पुलिस फ़ोर्स लाने की योजना बना रही है, जिसका हम जोरदार सामना करने को तैयार है जब तक हमे न्यायसंगत पुनर्वास और अपने हक नहीं मिल जाते।
एक अन्य मामलें में जन आंदोलनों के राष्ट्रीय समन्वय के घटक पर्यावरण सुरक्षा समिति के लखन मुसाफिर को पिछले तीन दिनों से गैर कानूनी तरीके से गुजरात पुलिस ने गिरफ्तार किया हुआ है। पुलिस ने 24 घंटे के अन्दर उन्हें मजिस्ट्रेट के सामने भी नहीं ले गए और ऐसा करते हुए उन्हें किसी अज्ञात जगह गिरफ्तार कर रखा हुआ है। हम पुलिस द्वारा किये जा असंवैधानिक और गैर कानूनी गिरफ्तारी की कड़ी निंदा करते हैं। गुजरात सरकार बेशर्मी की सारी हदे पार कर चुकी है व राज्य और देश के नागरिकों के आधारभूत अधिकारों का मजाक बना कर रख दिया है।
जन आन्दोलनों का राष्ट्रीय समन्वय, नर्मदा बचाओ आन्दोलन के साथ एक स्वर में इस पूरे घटना की निंदा करता हैं और इस हिंसक, असंवैधानिक हमले का सामना करने का संकल्प लेते हुए मांग करता हैं कि,
1) तुरंत नानपुर पुलिस स्टेशन, अलीराजपुर, मध्य प्रदेश में नर्मदा बचाओ आन्दोलन की विस्तृत शिकायत के आधार पर गुजरात पुलिस के खिलाफ FIR दर्ज की जाए।
2) तुरंत गुजरात पुलिस द्वारा गैर कानूनी रूप से गिरफ्तार किये गए पर्यावरण सुरक्षा समिति के लखन मुशाफिर को रिहा किया जाए।
3) नानपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में नशे की हालत में आये डॉक्टर को तुरंत ससपेंड करते हुए उसके खिलाफ घायलों के साथ हिंसा करने के शिकायत पर कानूनी कार्यवाही की जाए।