मध्य प्रदेश मे अदृश्य आपातकाल
नर्मदा घाटी के सभी किसान, मजदूर, मछुवारे तथा अन्य सभी वर्गों ने की मंदसौर मे हुए किसान हत्याकांड की कड़ी निंदा
देश भर मे चल रहे किसानो के संघर्ष को दिया समर्थन
बड़वानी, 11 जून: मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में चल रहे किसान आन्दोलन में पुलिस द्वारा गोलीचालन किये जाने से जिन किसानों की हत्या हुयी, उनके परिवारों से मिलने गए सामाजिक कार्यकर्ता तथा नर्मदा बचाओ आन्दोलन की नेत्री मेधा पाटकर, स्वराज इण्डिया से योगेन्द्र यादव, बंधुआ मुक्ति मोर्चा से स्वामी अग्निवेश, जन आंदोलनों के राष्ट्रीय समन्वय तथा किसान संघर्ष समिति के डॉ. सुनीलम तथा जे.एन.यू.एस.यू से मोहित पाण्डे सहित लगभग 60 लोग मंदसौर जा रहे थे जिसकी पुलिस अनुमति भी ली गयी थी। लेकिन मंदसौर से पहले ही पुलिस द्वारा उन्हें रोक कर पुलिस हिरासत में ले लिया गया और यह शर्त राखी गयी कि उन्हें तभी रिहा किया जायेगा जब वे लिखित में दे कि वे वापस मंदसौर नहीं जायंगे ।
मंदसौर मे किसानो की हत्या, सरकार द्वारा एक राज्य से दुसरे राज्य, एक जिले से दुसरे जिले मे जाने से लोगो को गैर क़ानूनी तरीके से रोक और मेधा पाटकर सहित अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं को पुलिस द्वारा गलत तरीके से हिरासत मे लेने का विरोध करते हुए नर्मदा घाटी के लोगों ने आक्रोश जताया और 500- 600 लोगों ने बड़वानी शहर मे विशाल रैली निकाल कर सरकार के अलोकतांत्रिक रवैये के खिलाफ प्रदर्शन किया| घाटी के सभी किसानों, मजदूरों, मछुवारों तथा अन्य वर्गों द्वारा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से उपवास का ढोंग छोड़कर संवाद करने की मांग की गयी, लोगों ने कहा कि अशांति फैलाकर शांति उपवास करने से मुख्यमंत्री क्या साबित करना चाहते हैं ? तीन दशकों से चल रहे हमारे संघर्ष में सरकार जिस तरह से मूक रही वही स्थिति आज भी है। आज भी किसान मेहनत करके पैदावार करता है लेकिन वही कर्ज में डूबा हुआ है और आत्म हत्याएं करने पर मजबूर है।
मध्य प्रदेश सरकार किसान हत्या पर अभी भी राजनीति कर रही है। नर्मदा घाटी के सभी किसान, मजदूर, मछुवारे तथा अन्य सभी वर्ग मंदसौर मे हुए किसान हत्याकांड की कड़ी निंदा करते है और साथ ही देश भर मे चल रहे किसानो के संघर्ष के साथ खड़े हैं|
भागीरथ धनगर, कैलाश यादव, देवीसिंह तोमर, राहुल यादव, पवन यादव, रोहित सिंह, केसर बहन, उमा और हिमशी
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