‘प्रेस विज्ञप्ति‘
16 जनवरी 2016 । मुरैना, म.प्र. में पत्रकार परिषद्, नगर परिषद् जौरा, गाँव वेदपुरा, तथा नगर परिषद् कैलारस में जन-सभाएँ,
फर्जी बिल वसूली के खिलाफ जनता में आक्रोश, भूमि की लूट
उद्योगपतियों को खुली छूट, कब्जाधारियों को भूमि का पट्टा नहीं,
11 जनवरी को छिंदवाड़ा से शुरू हुई जन अधिकार यात्रा मुलताई-इटारसी-कटनी-जबलपुर-सीधी
डॉ सुनीलम जी ने जत्थे के यात्रियों का परिचय देते हुये इस यात्रा के उद्देश्य को बताया. 1894 के दमनकारी भूमि अधिग्रहण कानून को संघर्ष कर किसानों ने 2013 में सरकार को मजबूर किया और उसमें बदल करवाए. किन्तु नयी मोदी सरकार किसानों का संरक्षण करने वाले भूमि अधिकार कानून को बदलने के लिए तीन बार अध्यादेश ला चुकी है ताकि पूंजीपतियों को आसानी से भूमि अधिग्रहण करने में सुविधा हो. मध्य प्रदेश में सरकार किसानों को तय मुआवजा नहीं दे रही है सरकार द्वारा कोर्पोरेट को ४०% की छूट दी गयी है और मनरेगा तथा शिक्षा जैसे मूलभूत बजट में कटौती की गयी है. पैसे न होने का रोना रोकर मध्य प्रदेश में ९ महीने से विकलांगों को पेंशन नहीं दी है. राजस्व विभाग, मध्य प्रदेश ने किसानों को फसल बीमा नहीं बाटा है, सूखे से प्रभावित सोयाबीन की ख़राब हुयी फसल के मुआवज़ा देने में बड़े पैमाने पर हुयी धांधलियों की पोलखोल की.
जसविंदर जी ने कहा कि मध्य प्रदेश में पिछले पांच महीनों में ४३० किसानों ने आत्महत्या की है, सूखा पड़ा हुआ है. सरकार अपनी जवाबदारी नहीं निभा रही है, राज्य का बजट बिना किसी बहस के केवल 5 मिनटों में पारित कर दिया गया, वर्षाकालीन सत्र में केवल आधे घंटे में 6 विधेयक पारित करवा लिए गए, जी डी पी में कृषि का हिस्सा 6% की गिरावट के साथ 19.5% तक पहुँच गया है.
किसान संघर्ष समिति की उपाध्यक्ष और छिन्दवाडा में अदानी पॉवर प्रोजेक्ट के खिलाफ मोर्चा खोलने वाली अधिवक्ता आराधना भार्गव ने कहा कि सरकार का पूरा विकास का मॉडल ही ख़राब है क्योंकि उससे पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है, किसानों को उससे कोई फायदा नहीं हुआ है. कॉर्पोरेट कंपनियों के बड़े बड़े प्रकल्पों के बनने से होने वाले दुष्परिणामों के बारे में लोगों को आगाह किया तथा स्मार्ट सिटी के कारण फेरीवालों, किसानो, मजदूरों और मछुवारों की जीविका छिनने की आशंका जताते हुये इन प्रकल्पों के खिलफ संघर्ष करने का आवाहन किया.
राघवेन्द्र सिंह जी ने कहा कि आदिवासियों को सरकार से कोई सुविधा नहीं मिल रही है, मूलभूत सुविधाओं से भी जन-जन वंचित है. नए भूमि अधिग्रहण कानून के अंतर्गत यदि पांच वर्षों तक अधिगृहित की गयी जमीन पर कोई उद्योग नहीं लगाया जाता है तो वह जमीन किसानों को वापस लौटानी चाहिए किन्तु सरकार अपने ही बनाये नियमों का उल्लंघन कर रही है.
अखिल भारतीय किसान सभा के महामंत्री रामनारायण कुररिया जौरा में पीढ़ियों से आवासीय भूमि में काबिज़ कब्जाधारियों को सरकार पट्टा देने के बजाय उनको बेदखल कर रही थी जिसके खिलाफ किसान सभा अन्य जन संगठनों द्वारा विरोध कार्यवाही आयोजित की थी, जनता के संघर्ष की वजह से राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है कि 31 जनवरी तक सरवेत कर 31 मार्च तक पट्टे आबंटन की व्यवस्था की जाएगी. बिजली कंपनियों द्वारा जिन घरों में एकल बत्ती कनेक्शन है वह जो लोग गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करते हैं ऐसे परिवारों को भी 5 से लेकर 10 हज़ार रुपये के फर्जी बिल भेजे जा रहे हैं. बिल जमा न करने पर दंडात्मक कार्यवाहियाँ व कुर्कियाँ की जा रही हैं. सम्मलेन में आवाहन किया गया है कि फर्जी बिजली बिलों के खिलाफ आने वाले समय में विरोध कार्यवाहियाँ की जाएगी.
कार्यक्रम का संचालन किसान सभा के ओम प्रकाश श्रीवास्तव ने किया.
मेधा पाटकर – नर्मदा बचाओ आन्दोलन और जन आन्दोलनों का राष्ट्रीय समन्वय (NAPM); प्रफुल्ल सामंतरा – लोक शक्ति अभियान, व लिंगराज आजाद – नियमगिरि सुरक्षा समिति, NAPM, ओडिशा; डॉo सुनीलम, आराधना भार्गव – किसान संघर्ष समिति, व मीरा – नर्मदा बचाओ आन्दोलन, NAPM, मध्य प्रदेश; सुनीति स. र., सुहास कोल्हेकर, प्रसाद बागवे – NAPM, महाराष्ट्र; गेब्रियल दिएत्रिच, गीता रामकृष्णन – असंगठित कामगार संगठन, NAPM, तमिलनाडु; सी आर नीलकंदन – NAPM, केरल; पी चेन्निया, व रामकृष्ण राजू – NAPM, आंध्र प्रदेश; अरुंधती धुरू, ऋचा सिंह – NAPM, उत्तर प्रदेश; सिस्टर सेलिया – घरेलु कामगार संगठन, व रुक्मिणी वी पी – वस्त्र मजदूर यूनियन, NAPM, कर्नाटक; विमलभाई – माटू जनसंगठन, व जबर सिंह – NAPM, उत्तराखंड; आनंद मज्गओंकर, कृष्णकांत – पर्यावरण सुरक्षा समिति, NAPM, गुजरात; कामायनी स्वामी, आशीष रंजन – जन जागरण शक्ति संगठन, व महेंद्र यादव – कोसी नवनिर्माण मंच – NAPM, बिहार; फैजल खान – खुदाई खिदमतगार, व जे एस वालिया – NAPM, हरियाणा; कैलाश मीना – NAPM, राजस्थान;अमिताव मित्रा, व सुजातो भद्र – NAPM, पश्चिम बंगाल; बी एस रावत – जन संघर्ष वाहिनी, व राजेंद्र रवि, मधुरेश कुमार और शबनम शैख़ – NAPM, दिल्ली। राम नारायण कुररिया, अशोक तिवारी |
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