20 जिलों को तुरंत सूखा प्रभावित क्षेत्र घोषित करे सरकार
जून और जुलाई महीने में सामान्य से 50-83 % तक कम हुई है बारिश
इस साल मानसून में कम बारिश होने की वजह से बिहार के 20 जिले सूखे की चपेट में आ गए हैं. सिंचित क्षेत्रों में प्रमुख फसल धान की बुआई न होने से किसानों में हाहाकार मचा है। मॉनसून के पूरी तरह फेल होने के बाद सरकार की ओर से डीजल सब्सिडी की घोषणा में देरी ने किसानों को कहीं का नहीं छोड़ा. ‘मौसम विभाग’ से प्राप्त जानकारी के मुताबिक बिहार के कम से कम 20 जिलों में 50 से 85 फीसदी तक कम बारिश की बात कही गई है। लेकिन सरकारी महकमा अभी तक इस आपदा से मुंह फेरे नज़र आ रही है। आपदा प्रबंधन विभाग न जाने कहां गुम है। इस संबंध में अभी तक न कोई समीक्षा बैठक हुई है, न ही कोई रिपोर्ट सामने आई है।
क्या हैं सरकार के आंकड़े?
ज्ञात हो कि सरकार ने जनता की सुविधा के लिए तो कई विभागों का गठन किया है लेकिन उन विभागों की रिपोर्टें सरकार के क्रियान्यवन पर खास असर डालती नहीं दिखतीं. आंकड़ों की आड़ में गोरखधंधा जारी है और किसानों की दुर्दशा तो जैसे उनकी नियति बन गई है.
भारत सरकार और बिहार सरकार के सुखाड़ आपदा प्रबंधन के मैन्युवल के अनुसार अगर किसी जिले में जून और जुलाई महीने सामान्य से 50% से कम बारिश हो तो उन जिलों को तुरंत सूखा प्रभावित क्षेत्र घोषित करना होता है। भारतीय मौसम विभाग का हवाला देते हुए एनएपीएम के उज्ज्वल कुमार ने बताया कि जून और जुलाई महीने में 20 जिलों में सामान्य से 50% से 83% तक कम बारिश बारिश हुई है, ऐसे में बिहार सरकार को अविलम्ब 20 जिलों को सूखा प्रभावित क्षेत्र घोषित करना चाहिए ।
देखें क्या है राज्य के अलग-अलग जिलों का हाल…
Name of District | Rainfall (in mm.) | Name of District | Rainfall (in mm.) |
01.06.2018 to 25.07.2018 | 01.06.2018 to 25.07.2018 | ||
%Deficient | %Deficient | ||
वैशाली | -83 | गोपालगंज | -50 |
पटना | -81 | पूर्वी चम्पारण | -49 |
सारण | -77 | गया | -43 |
मुंगेर | -74 | कटिहार | -40 |
सहरसा | -74 | पूर्णिया | -40 |
सिवान | -73 | बक्सर | -39 |
भोजपुर | -71 | दरभंगा | -39 |
शेखपुरा | -70 | मधेपुरा | -39 |
मुजफ्फरपुर | -69 | सुपौल | -38 |
अलवर | -67 | नवादा | -35 |
खगड़िया | -66 | रोहतास | -34 |
जहानाबाद | -60 | कैमूर | -28 |
बेगुसराय | -59 | औरंगाबाद | -27 |
नालंदा | -55 | सीतामढ़ी | -25 |
समस्तीपुर | -55 | भागलपुर | -18 |
लखीसराय | -55 | किशनगंज | -15 |
अररिया | -52 | मधुबनी | -13 |
जमुई | -51 | पश्चिमी चंपारण | -1 |
शिवहर | -51 | बांका | 5 |
Source: http://www.imd.gov.in
जन आंदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय (NAPM) बिहार इकाई मांग करती है कि –
- राज्य सरकार सूबे के 20 जिलों को जल्द से जल्द सूखाग्रस्त घोषित करे.
- राज्य में आकस्मिक फसल बीमा योजना को लागू कर बड़े पैमाने पर प्रचार-प्रसार का काम किया जाए.
- राज्य के सभी किसानों की कर्ज माफी हो, लगान और पटवन माफ़ हो, बिजली संचालित पम्प का बिजली बिल माफ़ हो,
- एपीएल और बीपीएल की बाध्यता खत्म करके सभी वर्गों के लोगों के लिए तत्काल राशन वितरण सुनिश्चित किया जाए.
- सरकार बड़े पैमाने पर मनरेगा का काम खोले और सूखाग्रस्त जिलों में 200 दिनों के काम का हक दे।
- सभी स्कूलों में मिड-डे मील के लिए राशन की आपूर्ति और संचालन को निश्चित किया जाए।
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