नई दिल्ली | 15 जुलाई, 2017: किसान मुक्ति यात्रा आज जयपुर पहुँची। आज की पहली किसान सभा जयपुर में हुई।अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमराराम ने सभा को सम्बोधित करते हुए नागरिकों से अपील की कि वे 17 जुलाई को किसान कर्फ़्यू का आह्वान करते हुए गाँव में सभी तरह के सरकारी कार्यों का बहिष्कार करें।उन्होंने बताया कि बीकानेर में एसडीएम के कहे मुताबिक़ जब किसानों ने अपने पशुओं को एसडीएम के पास छोड़ने का प्रयास किया तो उन पर लाठीचार्ज किया गया।अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के सभी नेताओं द्वारा लाठीचार्ज की निंदा करते हुए एसडीएम को निलंबित करने की माँग की गई।
जनसभा में बोलते हुए योगेंद्र यादव ने कहा कि राजस्थान का किसान दोहरी मार झेल रहा है।एक तरफ उसे राजस्थान की सबसे ज्यादा किसान विरोधी सरकार का सामना करना पड़ रहा है तो दूसरी तरफ कॉरपोरेटमुखी दिल्ली सरकार की मार झेलनी पड़ रही है।उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन नए युग में प्रवेश कर रहा है जिसका प्रतिबिम्ब 18 जुलाई को दिखाई देगा जिसमें आदिवासी,दलित,महिला,अल्पसंख्यक और अन्य हर तबके का किसान सम्मानपूर्वक स्थान लेता हुआ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा दिखाई देगा।जयपुर की सभा में बोलते हुए डॉ. सुनीलम ने आशा व्यक्त की कि आगामी मानसून सत्र में सम्पूर्ण विपक्ष कर्जमुक्ति और किसान की लागत से पचास प्रतिशत अधिक समर्थन मूल्य देने के सवाल को लेकर ना केवल मुस्तैदी से किसानों के सवाल को उठाएगा बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगा कि केंद्र सरकार इन सवालों पर निर्णय ले।इसके साथ उन्होंने यह भी आशा व्यक्त की कि सम्पूर्ण विपक्ष के सांसद 18 जुलाई को जंतर मंतर पहुँच कर किसानों की माँगों का समर्थन भी करेंगे। जयपुर की सभा में किसान नेता सवाई सिंह,वसन्त हरियाणा, गुरुचरण मौर्य,प्यारेलाल शर्मा, आर.सी. शर्मा और अनिल गोस्वामी भी मौजूद रहे।
इसके बाद यात्रा श्रीमाघोपुर के रास्ते में भारतीय किसान सभा जिला कमेटी जयपुर के द्वारा भगवान सहाय,रामजीलाल यादव और अन्य किसान साथियों ने यात्रा का स्वागत किया। किसान मुक्ति यात्रा का स्वागत गोविंदगढ़ के लक्ष्मी बघाला पीजी कॉलेज में भी किया गया।कार्यक्रम का आयोजन सी वी यादव,बाबूलाल जाट,नन्दकिशोर यादव,विमल यादव और ध्रुव यादव के द्वारा किया गया।
श्रीमाधोपुर की जनसभा का आयोजन सुंदरलाल(पूर्व सरपंच एवं महामंत्री- किसान महापंचायत ) ने किया।यात्रियों का स्वागत किसान महापंचायत के अध्यक्ष अजीत सिंह गुर्जर ने किया।जनसभा में बोलते हुए अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के संयोजक वीएम सिंह ने सरकार पर सीधा हमला करते हुए कहा कि पिछले 70 सालों में सरकार ने किसान को बर्बाद कर दिया है और अब भी सरकारें किसान को खत्म करना चाहती हैं लेकिन हम किसान को खड़ा करना चाहते हैं और उसकी खेती को पुनर्जीवित करना चाहते हैं।उन्होंने कहा कि अब किसान अपना हक माँगेंगे नहीं बल्कि छीन के लेंगे।सांसद राजू शेट्टी ने कहा कि मैं संसद के भीतर लड़ूँगा और ज्यादा से ज्यादा सांसदों को अपने पक्ष में करने के लिए प्रयास करूँगा तथा जंतर- मंतर पर हजारों की संख्या में किसान संगठित होकर अपनी माँगें पूरी करवाने के लिए प्रयासरत रहेंगे।
बिशनगढ़ की जनसभा में बोलते हुए अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय महामंत्री राजाराम सिंह ने 2001 से अब तक के अपने संघर्ष के इतिहास को बताते हुए कहा कि सरकार जल्दी से जल्दी भूमि सुधार की आवश्यकता पर बल दिया।उन्होंने देश में बन रहे साम्प्रदायिकता के माहौल के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि सरकार किसानों को उनके अधिकार देने के बदले उन्हें धर्म के आधार पर बाँटने का प्रयास कर रही है।
किसान मुक्ति यात्रा में प्रत्येक दिवस एक महान किसान नेता को समर्पित किया जाता है।इसी कड़ी में आज का दिन महान किसान नेता महेंद्र सिंह टिकैत को समर्पित है।आज़ादी के बाद पहली बार उन्होंने किसानों को एकजुट करते हुए दिल्ली में किसानों का शक्तिप्रदर्शन किया।किसानों के प्रति इनके समर्पण को देखते हुए इन्हें किसानों की लाठी माना जाता है।
किसान मुक्ति यात्रा किसान नेताओं संदीप भारती (अध्यक्ष-आज़ाद किसान यूनियन), चन्द्रशेखर (वाइस प्रेसीडेंट-ए. आई.के. एम. एस. तेलंगाना), सुंदर विमलनाथन (सचिव-साउथ इंडियन रिण्टरसिंकिंग फार्म्स एसोसिएशन-तमिलनाडु), पी एस शारदा (वाइस प्रेसीडेंट-स्वराज अभियान), मेधा पाटकर (नर्मदा बचाओ आंदोलन), लिंगराज (सचिव-पश्चिमी उड़ीसा कृषक संगठन), प्रतिभा शिंदे (लोकसंघर्ष मोर्चा), प्रेमसिंह गहलोत (राष्ट्रीय उपाध्यक्ष-अखिल भारतीय किसान महासभा हरियाणा), पुरुषोत्तम शर्मा (सचिव-अखिल भारतीय किसान महासभा उत्तराखंड), ईश्वरीप्रसाद कुशवाहा (सचिव-अखिल भारतीय किसान महासभा उत्तर प्रदेश), उपेंद्र सिंह (प्रदेश अध्यक्ष-राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन उत्तर प्रदेश), हेमेंद्र चौधरी (प्रदेश उपाध्यक्ष, राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन), भगतसिंह वर्मा (राष्ट्रीय अध्यक्ष-किसान मुक्ति मोर्चा उत्तर प्रदेश), राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन से रामवीर सिंह (मंडल अध्यक्ष-मेरठ), वीरपाल सिंह (जिलाध्यक्ष-हापुड़), ज़ोरावर सिंह (जिला अध्यक्ष-अमरोहा), ब्रम्हपाल सिंह (संगठन मंत्री-बुलन्दशहर), चमन सिंह (जिला महासचिव-अमरोहा), रविकांत तुपकर (स्वाभिमानी शेतकारी संगठन-महाराष्ट्र), दशरथ सावंत (भूतपूर्व अध्यक्ष-स्वाभिमानी शेतकारी संगठन महाराष्ट्र), प्रोफेसर प्रकाश पोफले (प्रेसीडेंट-स्वाभिमानी शेतकारी संगठन महाराष्ट्र), दीपक पगार (अध्यक्ष-उत्तर महाराष्ट्र किसान शेतकारी संगठन), बापूसाहेब कारांडे, सागर शम्भूशेटे (स्वाभिमानी शेतकारी संगठन कोल्हापुर), जगदीश ईनामदार (स्वाभिमानी शेतकारी संगठन), रुलदूसिंह (राष्ट्रीय अध्यक्ष- अखिल भारतीय किसान महासभा), गुर्णम सिंह (सचिव-अखिल भारतीय किसान महासभा मध्यप्रदेश) सहित 15 राज्यों के 150 यात्रियों के नेतृत्व में निकाली जा रही है।
मंदसौर के गोलीचालन, बारदौली और खेड़ा की विरासत को याद करते हुए यह यात्रा नर्मदा के विस्थापित किसानों के संघर्ष से जुड़ी साथ ही व्यारा के आदिवासी महिलाओं और मेहसाणा में दलित संगठनों के आज़ादी कूच का हिस्सा बनी।यह किसान मुक्ति यात्रा मध्यप्रदेश के मंदसौर से शुरू होकर 6 राज्यों से होती हुई 18 जुलाई को दिल्ली के जंतर-मंतर पहुँचेगी। इस यात्रा के साथ हज़ारों की संख्या में किसान जंतर-मंतर पहुँचेंगे।जंतर-मंतर पर पहुँच कर यह यात्रा एक अनिश्चित कालीन धरने में परिवर्तित हो जाएगी जिसमें देश भर के 200 से भी अधिक किसान संगठन शामिल होंगे।