मध्य प्रदेश प्रशासन द्वारा गैरकानूनी रूप से गिरफ्तार विस्थापित धुरजी, विजय, शंटू भाई और मेधा पाटकर की बिना किसी शर्त रिहाई की मांग के साथ सड़कों पर उतरे 4000 हजार से भी अधिक विस्थापित
2500 अन्य प्रभावितों पर लगाए गए झूठे आरोपों को ख़ारिज करने की भी की मांग
नर्मदा घाटी के लोगों की प्रशासन को चेतावनी, जेल में बंद साथियों को नही छोड़ा तो फिर करेंगे जेल भरो रैली
रिहाई नहीं तो गाँव वाले भी नहीं करेंगे प्रशासन का किसी प्रकार का सहयोग
कुक्षी,मध्य प्रदेश|19 अगस्त 2017::आज नर्मदा घाटी के 4000 से भी अधिक विस्थापितों ने कुक्षी में रैली निकालकर शंटू भाई, विजय भाई, धुरजी भाई तथा मेधा पाटकर कोबिना किसी शर्त तुरंत रिहा करने की मांग की। इन चारों को प्रशासन द्वारा झूठे आरोप लगाकर जबरन 11 दिन से जेल में बंद रखा गया है और जमानत नहीं दी जा रही है।लोगों ने कहा कि जेल में बंद साथियों को रिहा कर दो नहीं तो यहाँ आये हजारों विस्थापितों को भी जेल में डाल दो। निसरपुर, बटगाँव, चिखल्दा, बड़वानी, निसरपुर, कड़मालजैसे कई डूब प्रभावित गांवों के अन्य लगभग 50 ज्ञात और 2500 अज्ञात लोगों पर भी झूठे प्रकरण नामजद हैं। पुलिस द्वारा लगाए गए इन झूठे मुकदमों से सरकार को लगरहा था कि विस्थापितों पर केस दर्ज कर उन्हें कमजोर किया जा सकता है और यदि विस्थापित इससे डरने लगेंगे तो हम जबरन उनको मूलगांवों से हटा सकते हैं लेकिनइसके जवाब में विस्थापितों ने भारी संख्या में जेल भरो रैली निकालकर प्रशासन को सन्देश दिया कि यदि वे 2500 लोगों पर आरोप लगायेंगे तो हम 5000 की संख्या मेंआकर जेल भरो आन्दोलन करेंगे।
कमला यादव ने कहा कि शांतिपूर्ण उपवास पर बैठे लोगों पर हमला कर गिरफ्तार करके प्रशासन ने शांति भंग की और निर्दोष उपवास पर बैठे और उनका समर्थन कर रहेलोगों पर अशांति फ़ैलाने का आरोप दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया, सरकार की इस कायरता की हम निंदा करते हैं ।
विस्थापितों ने कहा मेधा पाटकर द्वारा सरदार सरोवर प्रभावित क्षेत्रों में एक साल तक प्रवेश ना करने के मध्य प्रदेश पुलिस के दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने से मना कर दियाइसलिए उनके ऊपर अपहरण तथा शांति भंग करने जैसे केस लगाकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया । उन्होंने कहा कि मेधा पाटकर 32 सालों से हमारे लिए संघर्ष कर रहीहैं ।यदि सरकार मनिबेली से लेकर नावड़ा टोली तक पुनर्वास करे और फिर पानी भरे तो इससे हमें कोई आपत्ति नहीं है लेकिन इस तरह बिना पुनर्वास बेदखली का हमविरोध करते हैं और करते रहेंगे ।
यदि बाँध बना है तो पुनर्वास करना भी सरकार की जिम्मेदारी है, पुनर्वास करने की बजाय मध्य प्रदेश सरकार दलालों के साथ भ्रष्टाचार में लिप्त है, लोगों ने सवाल किया किउन भ्रष्टाचारियों और दलालों को क्यों नही गिरफ्तार किया जाता जो गरीब जनता को लूट रही है ।
महाराष्ट के भी सैकड़ों आदिवासी विस्थापितों ने नंदूबार जिला कार्यालय में पहुचकर जेल में कैद चारों आन्दोलन के साथियों को छोड़ने और हजारों कार्यकर्ताओं पर लगाए गएप्रकरणों तो जल्द से जल्द ख़ारिज करने की मांग की, महाराष्ट्र के विस्थापितों ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को चुनौती दी कि यदि वह मेधा पाटकर, शंटूभाई, विजय भाई, तथा धुरजी भाई को रिहा नहीं करेंगे तो मध्य प्रदेश की जनता के साथ-2 महाराष्ट्र के नागरिक भी सड़कों पर उतर आयेंगे।
गाँव वालों ने मध्य प्रदेश सरकार को चेतावनी दी कि यदि प्रशासन मेधा पाटकर, धुरजी भाई, विजय भाई और शंटू भाई को रिहा नहीं करता तो गाँव वालों के द्वारा भीप्रशासन को किसी प्रकार का कोई सहयोग नही दिया जायेगा और ना ही गांवों में प्रवेश करने दिया जाएगा । विस्थापितों द्वारा एस डी एम को ज्ञापन सौंपा गया जिसमें सभीजेल में कैद कार्यकर्ताओं और अन्य 2500 लोगों पर से झूठे मुकदमे वापस लेने और पुनर्वास स्थल तैयार किये बिना किसी भी परिवार को मूल गाँव छोड़ने के लिए बाध्य नाकरने के लिए कहा गया।
आज भोपाल, मंदसौर, रतलाम, तथा नीमच में भी नर्मदा बचाओ आन्दोलन के समर्थन तथा गिरफ्तार लोगों के विरोध में प्रदर्शन किये गए ।
गायत्री बहन, विमला बाई, धर्मेन्द्र कन्हेरा, मुकेश भगोरिया भगवती बहन, मंजुला बाई, पुष्पा बाई, रामेश्वर, बाउ, रुकमनी बाई, भगवती बाई, सेवंती बहन, नानी मछुवारा,सरस्वती बहन, कमला यादव, लक्ष्मी पाटीदार, रेवा पाटीदार, भूपेंद्र कुमावत, प्रवीण श्रीवास, राकेश पाटीदार, हरिओम कुमावत, बच्चूराम भिलाला
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