सुप्रीम कोर्ट के आदेश में नहीं था बाँध के गेट बंद करके पानी भरने का आदेश, फिर भी सरकार ने गाँव में पानी भरने की समय सारिणी की ज़ाहिर
मध्यप्रदेश सरकार की घोषणाओं का हुआ पोल खोल
अनिश्चितकालीन उपवास का ग्यारहवां दिन, लगातार उपवास पर बैठे नर्मदा घाटी के 11 लोग और मेधा पाटकर
बडवानी, मध्यप्रदेश | 6 अगस्त 2017: नर्मदा घाटी में अनिश्चितकालीन उपवास का आज ग्यारहवा दिन है और अभी भी 11 नर्मदा घाटी के लोग और मेधा पाटकर अनवरत बिना सम्पूर्ण और न्यायपूर्ण पुनर्वास के सरकार द्वारा गैर क़ानूनी डूब का विरोध करते हुए उपवास पर बैठे हैं |
आज अनशन स्थल, चिखलदा में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव जसविंदर सिंह जी, नर्मदा बचाओ आन्दोलन महाराष्ट्र से नूरजी वसावे, बडवानी से कैलाश अवास्या, धार से जगदीश भाई, अलीराजपुर से सुरभान और खरगोन से विक्रम भाई उपस्थित थे | जसविंदर सिंह ने कहा कि सरकार अन्यायपूर्ण तरीके से लोगों को उनके गाँव से हटा रही है और उच्चतम न्यायलय के आदेश का भी पालन नहीं कर रही है | जब तक पुनर्वास नहीं होता तब तक बाँध के गेट खोल देने चाहिए | अलिराजपुर और खरगोन जिले के सभी गाँव के पुनर्वास होने के रजनीश वैश्य के वक्तव्य को नकारते हुए सुरभान और विक्रम भाई ने कहा कि हमारे गाँव में अभी भी लोग रह रहे है और सरकार अपने कागज़ तैयार कर रही है | बिना पुनर्वास कोई भी अपने मूल गाँव से नहीं हटेगा | जगदीश भाई ने कहा कि घर प्लाट आबंटन में ही बहुत घपला हुआ है | सभी लोगों को अभी तक घर प्लाट नही मिला है और पुनर्वास स्थल पर अव्यवस्थाओं के कारण 4 परिवार पुनर्वास स्थल से वापस आ गये हैं | कैलाश भाई ने कहा कि शिकायत निवारण प्राधिकरण में अभी भी बहुत से आवेदन बाकी हैं और मै खुद एक याचिकाकर्ता हूँ और मेरा खुद का आवेदन अभी तक शिकायत निवारण प्राधिकरण में लंबित है |
सरकार जिस तरह, बिना पूर्ण पुनर्वास दिए, आये दिन लाभों की घोषणा कर रही है उससे सरकार की नीयत साफ़ ज़ाहिर होती है | सुप्रीम कोर्ट के 8 फरवरी 2017 का आदेश की आड़ में प्रशासन गाँव-गाँव जाकर, बिना किसी पुनर्वास की व्यवस्था के गाँव खाली करने के नोटिस दे रही है तो कहीं घर तोड़ देने की बात कह रही है | सरकार ने कब और कितने लेवल पर दूब आयेगी इसकी समय सारिणी ज़ाहिर की है | सवाल ये है कि जब सुप्रीम कोर्ट के आदेश में कहीं भी बाँध के गेट बंद करने और पानी भरने की बात ही नहीं है तो क्यों मध्य प्रदेश सरकार बिना पुनर्वास के, ऐसे समय पर जब गुजरात में बाढ़ आई हैं तब बाँध के गेट बंद करके, मध्यप्रदेश को भी, गुजरात में पानी लाने के नाम पर डूबाने की तैयारी कर रही है |
मध्यप्रदेश सरकार की घोषणाओं का सच
सर्वोच्च न्यायालय के आदेश दिनांक के 8 फरवरी 2017 के बाद 18 मई 2017 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा कुछ घोषणाऍं की गई थी। इन घोषणाओं के आधार पर 5 जून 2017 को शासकीय आदेश जारी किया गया था। इसके अलावा 24 और 29 जुलाई को भी मुख्यमंत्री ने बॉंध विस्थापितों के तथाकथित प्रतिनिधियों के समक्ष कुछ घोषणाऍं की थी। इन घोषणाओं से संबंधित आदेशों में तथ्यों को बदल दिया गया है और न आदेशों को इतना कमजोर कर दिया गया है कि लाभांवितों की संख्या (यदि लाभ दिए गए तो) नाम मात्र की रह जाएगी। बानगी देखिए –
मुख्यमंत्री की घोषणा | आदेशों की टिपण्णी |
हर पट्टाधारी को 5 लाख 80 हजार का अनुदान दिया जाएगा | 1 अगस्त 2017 को जारी आदेशानुसार 5 लाख 80 हजार (5 लाख एकमुश्त पैकेज और 80 हजार खाने-रहने के) का पैकेज सिर्फ उन्ही प्रभावितों को दिया जाएगा, जो प्रधानमंत्री आवास योजना के पात्र हैं। यानी इस योजना के दायरे में 5 – 10 प्रतिशत से ज्यादा प्रभावित नहीं आयेंगें।
साथ ही 5 लाख के इस एकमुश्त पैकेज में अन्य सारे पुनर्वास अनुदानों को भी समायोजित किया जाएगा। जिसका पंजीयन टीन शेड में होगा उसे केवल 5 लाख की पात्रता होगी। इसी दिन जारी क्रियांवयन आदेश के अनुसार इस 5 लाख 58 हजार में से पहले 1 लाख 40 हजार (80 हजार खाने-रहने के तथा 60 हजार प्रधानमंत्री आवास की किश्त) का भुगतान किया जाएगा। शेष पैसा मकान तोड़ने पर दिया जाएगा। मकान तोड़ने की शर्त न तो मुख्यमंत्री घोषणा में थी और न ही शासकीय आदेश में। |
25 प्रतिशत से कम जमीन खोने वाले किसानों को भी 15 लाख का पैकेज दिया जाएगा। | 1 अगस्त 2017 आदेश – 25 प्रतिशत से कम जमीन खोने वालों को कुल अर्जित भूमि के प्रतिशत के आधार पर आनुपातिक रुप से पैकेज का भुगतान किया जाएगा। यानी 12% जमीन प्रभावित होने पर 60 हजार, 2% पर 1 लाख 20 हजार, 10% पर 6 लाख ……..
प्रभावित भूमि के रकबे का इस फैकेज से कोई संबंध नहीं है। |
पुनर्वास स्थल प्रभावितों को डूब प्रभावितों के समान लाभ दिए जायेंगें | 1 अगस्त 2017 आदेश – पुनर्वास स्थलों में 25 प्रतिशत से अधिक जमीन खोने वाले प्रभावितों को संयुक्त रुप से 15 लाख का पैकेज दिया जाएगा। डूब प्रभावितों की तरह सहखातेदारों और वयस्क पुत्रों को कोई पात्रता नहीं होगी।
प्रभावित भूमि के रकबे का इस फैकेज से कोई संबंध नहीं है। |
विशेष पुनर्वास अनुदान (एसआरपी) की दोनों किश्तें लेने वाले सभी परिवारों को 15 लाख का पैकेज | 5 जून 2017 आदेश – एसआरपी की दोनों किश्तें लेने सभी परिवारों को 15 लाख का पैकेज दिया जाएगा।
इस आदेश को संशोधित कर सिर्फ उन परिवारों को पैकेज भुगतान करने का निर्णय लिया गया जिन्हें शिकायत निवारण प्राधिकरण (जीआरए) के माध्यम से 2016 के बाद भुगतान किया गया है। इससे अधिकतम एक चौथाई परिवार ही लाभांवित हो सकते हैं।
हालांकि अभी तक किसी को भी यह पैकेज भुगतान नहीं किया गया है। |
निजी उद्वहन सिंचाई योजनाओं की पाईप लाईनों का मुआवजा दिया जाएगा | 1 अगस्त 2017 आदेश – पाईप लाईनें निकालने योग्य न होने पर मुआवजा दिया जाएगा।
जबकि इस आदेश के क्रियांवयन आदेश में केवल एफआरएल 138.68 मीटर तक ही मुआवजा देने का उल्लेख है। साथ ही पाईप लाईनों की कार्यपालन यंत्री से यह पुष्टि करवाई जाएगी कि पाईपलाईन बिना नुकसान के निकलवाई जा सकती है या नहीं। यदि निकाली जा सकती है तो कोई मुआवजा नहीं दिया जाएगा।
इस बात का कोई आश्वासन नहीं दिया गया है कि नर्मदा से संचालित पाईपलाईनें नहीं काटी जाएगी। |
आवासीय भूखण्ड | 5 जून 2017 आदेश – जिन्हें या तो आवासीय भूखण्ड उपलब्ध नहीं करवाए गए हैं या जिन्होंने भूखण्ड के बदले नगद राशि प्राप्त कर ली है उन्हें 180 वर्गमीटर के भूखण्ड किया जाएगा।
लेकिन बाद में 20 जुलाई 2017 को भूखण्ड साईज 300 वर्गमीटर कम कर दिया है। इसे आदेश में “यथासंभव 180 वर्गमीटर अथवा 150 वर्गमीटर जैसी उपलब्धता हो“ लिख गया है। |
आवासीय भूखण्डों की रजिस्ट्री करवाई जाएगी | 1 अगस्त 2017 आदेश – केवल उन प्रभावितों के भूखण्डों की रजिस्ट्रिी करवाई जाएगी जिनकी संपत्ति नए बैकवाटर से भी प्रभावित है। यानी इससे केवल एक तिहाई प्रभावितों को ही फायदा हो सकता है।
सरकारी जमीन की रजिस्ट्री कैसे हो सकती है यह एक सवाल है। |
मंदिरों की जमा राशि दिलवाई जाएगी। | 1 अगस्त 2017 आदेश – केवल जमा राशि पर 12% साधारण ब्याज दिया जाएगा। प्रबंधन से कलेक्टर को हटाने का कोई उल्लेख नहीं है। |
पुनर्वास स्थलों को आदर्श गॉंव के रुप में विकसित किया जाएगा | अगस्त 2017 आदेश – पुनर्वास स्थलों पर विकास कार्य सतत रुप से चलते रहेंगें। डूब के बाद जहॉं आवश्यक होगा पुल-पुलिया और सड़के बनाई जाएगी।
इसका अर्थ है कि पुनर्वास स्थलों का काम पूर्ण नहीं हुआ है और सरकार को यह जानकारी नहीं है कि कितना बड़ा क्षेत्र टापू बनेगा और कितनी पुलियाओं और सड़कों की जरुरत है। |
आज केरल से सलसाबील ग्रीन स्कूल के बच्चे हुसैन मास्टर जी के साथ घाटी के लोगों के समर्थन में चिखल्दा पहुंचे और पूरे दिन गीत गाते हुए, लड़ेंगे जीतेंगे के नारों से उत्साह बढ़ाया उपवास पर बैठे लोगों का और अन्य उपस्थित विस्थापितों का |
कैलाश यादव, पवन यादव, बाला भाई, सपना बहन, संगीता बहन
संपर्क: राहुल 9179617513 | हिमशी 9867348307